Indore: क्यो भूल गए इंसानियत इंदौर में नगर निगम के कर्मचारी

Indore: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में नगर निगम के कर्मचारी सफाई के नाम पर इंसानियत भूल गए। उन्होंने भीख मांगकर गुजारा करने वाले बुजुर्गों को वाहनों में भरकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाकर छोड़ दिया। बुजुर्गों को गाड़ी में चढ़ाते-उतारते वक्त उनकी हालत का भी ख्याल नहीं किया। ऐसे ही एक पीड़िता ने अपनी आपबीती बताई।
मेरी अंधी मां चल नहीं सकती, लेकिन निगम वाले भूखे-प्यासे भटकाते रहे
पीड़ित बुजुर्गों का हाल जानने ढक्कनवाला कुएं के पास स्थित टीबी हॉस्पिटल परिसर में बने रैन बसेरे में पहुँचे यहां रामू, सूजी बाई और अमरावती बाई बिस्तर पर लेटे मिले। रामू से पूरी घटना जाननी चाही तो उनकी आंखें छलक आईं। रोते हुए बोले कि देखो ये मेरी अंधी मां है। इससे चलते नहीं बनता है, लेकिन निगम वाले परेशान करते हैं। वे कहते हैं कि तुम सड़क पर नहीं रहोगे।
रामू ने आगे बताया कि 20 साल से हम शिवाजी वाटिका के पास रह रहे थे, निगम वालों ने हमें दूसरी जगह ले जाकर छोड़ दिया, जब लोगों ने विरोध किया तो हमें भरकर वापस लाए और रैन बसेरे में छोड़ गए। इस बीच हमारे खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं था। हमें भूखे-प्यासे ही भटकाते रहे।
सोनू सूद मदद को आगे आए
Indore: इंदौर नगर निगम की बेरहमी के शिकार लोगों की मदद के लिए एक्टर सोनू सूद आगे आए हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि मैं इन लोगों को हक दिलाने के साथ ही इन्हें छत देना चाहता हूं। इनके खाने-पीने और बाकी चीजों का इंतजाम करने की कोशिश भी करूंगा, लेकिन यह आपके साथ के बिना मुश्किल है। जो बच्चे अपने मां-बाप को अकेला छोड़ देते हैं, उन्हें सीख लेनी चाहिए कि अपने मां-पिता को प्यार दें, उनका ध्यान रखें। हम मिलकर ऐसी मिसाल पेश करें कि हमारे बुजुर्ग कभी भी अकेला महसूस नहीं करें।
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शिवराज को लेना पड़ा एक्शन
CM शिवराज सिंह चौहान इस मामले में नाराजगी जता चुके हैं। बुजुर्गों को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी संभाल रहे डिप्टी कमिश्नर को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। साथ ही 2 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जिस तरह बुजुर्गों को शिप्रा इलाके में छोड़ने की कोशिश की गई, वह गलत है। कायदा यह है कि ऐसे लोगों को रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए।
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बुजुर्गों के अपमान पर कलेक्टर ने मांगी माफी
बुजुर्गों को डंपर में भरकर फेंकने के मामले में इंदौर प्रशासन की किरकिरी के बाद अधिकारी अब भगवान की शरण में पहुंच गए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने रविवार को संकट चतुर्थी के मौके पर खजराना गणेश से इसके लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा, बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार पूरी तरह गलत था, क्योंकि अधिकारी होने के नाते ये हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।