गश्त कर रहे डीएसपी को भिखारी ने नाम लेकर आवाज लगाई, पास जाकर देखा तो निकला बैचमेट

पहली बार में यह खबर पढ़ कर तो ऐसा लगता हैं जैसे यह काल्पनिक कहानी है. लेकिन यह सच है. यह कहानी है मध्य प्रदेश के ग्वालियार की, जहां गश्त लगा रहे डीएसपी को एक भिखारी ने आवाज लगाया.
डीएसपी ठंड से ठिठुर रहे एक भिखारी के पास जैसे गए तो उन्होंने देखा की यह आदमी उन्हीं के बैच का साथी पुलिस अधिकारी है. इसके बाद डीएसपी ने उसे अपने जूते और जैकेट दिए. इतना ही नहीं वह उसे अपने साथ ले गए और उसका इलाज शुरू करवा दिया है.

यह भिखारी, मनीष मिश्रा है जो पिछले 10 सालों से लावारिस हालात में सड़कों पर घूम रहे हैं. मनीष ने पुलिस की नौकरी 1999 में ज्वाइन की थी. इसके बाद वे मध्य प्रदेश के कई थानों में थानेदार के रूप में पदस्थ रहे.
वर्ष 2005 में वह दतिया में आखिरी बार थाना प्रभारी के रूप में पोस्टेड थे. इसके बाद से उनकी मानसिक स्थिति खराब होती चली गई. उनके परिवार ने उनका इलाज शुरू करवाया. इस बीच उनकी पत्नी ने भी उन्हें छोड़ दिया.
मनीष के परिवार के अधिकत्तर सदस्य पुलिस महकमे में है या रहे हैं. उनके भाई थानेदार हैं और पिता व चाचा भी एसएसपी के पद से रिटायर हुए हैं. उनकी बहन भी किसी दूतावास में अच्छे पद पर हैं. मनीष की पत्नी भी न्यायिक विभाग में पदस्थ हैं.
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